माया बनी सुपर हीरो - (भाग 5) : STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen
माया बनी सुपर हीरो - (भाग 5) : STORIES; stories for kids; Hindi Kahaniya;English-Hindi (Hinglish) Poetry aur Kavitayen
👉माया बनी सुपर हीरो - भाग 5
विवरण (DISCRIPTION): यह कहानी माया के बारे में है जो एक सुपर हीरो बनना चाहती है।अपने गाँव से एक नए स्थान पर उसका जाना, उसे वह सब फिर से बनाने की इच्छा रखती है जो वह खो रही थी । उसे हासिल करने का उसका दृढ़ संकल्प उसे उसके सपने के करीब ले जाता है। माया किसके लिए सुपर हीरो बनना चाहती है और वह क्या कर रही है, यह जानने के लिए कहानी पढ़ें!
एक साल बीत गया, पेड़ पौधों ने अपनी पहली गर्मी और सर्दी देखी। एक दिन माया ने एक फूल देखा जो एक गोल वस्तु में बदल रहा था। और तभी उसे एहसास हुआ कि यह वास्तव में एक फल है। वह अति उत्साहित हो गई।
माया बनी सुपर हीरो - भाग 5 |
वह उन फूलों के बारे में नही जानती थी, जो सब्जियों/फलों में बदल जाता है। वह भाग कर घर वापस चली गई और पिताजी को उन फलों को देखने के लिए बुला लिया।
यह देखकर वह काफी हैरान रह गए। पिता जी ने माया से पूछा- "जब हमारे पास इतना पानी नहीं है, तो तुमने इतने बड़े पेड़ कैसे उगा लिए?" तब माया ने अपने पिता से कहा कि उसने पानी को बर्बाद न करके बचाया क्योंकि पानी ग्रह पर सबसे कीमती चीज है!
माया ने कहा कि ब्रश करते समय नल को बंद कर देने से हम 2 पौधों को पानी देने के लिए पर्याप्त बचत कर सकते हैं। नहाते समय पानी को सही से इस्तेमाल करने से हम 3 पौधों को पानी देने के लिए पर्याप्त बचत कर सकते है। इसके अलावा, उसने घर पर अपने वाटर फिल्टर से निकले हुए पानी को अलग-अलग बर्तनों में 6 पौधों तक पानी देने के लिए सहेजा!
उसके पिता ने माया को रोका और पूछा - "लेकिन पेड़ इतना स्वस्थ कैसे है?" पेड़ को पानी के अलावा हमारी तरह ही पोषण की जरूरत होती है! माया बोली- “हाँ पापा जानती हूँ!” इसलिए मैंने रसोई का सारा कचरा पौधों को दे दिया!
माँ ने कहा, अगर मैं पौधों को प्याज के छिलके, संतरे के छिलके, अतिरिक्त सब्जियां, अंडे के छिलके दूं, तो इससे पौधे को पोषण मिलेगा।
माया के पिता ने आगे कहा कि - ''मुझे तुम पर बहुत गर्व है माया! तुम्हे देखकर मुझे भी प्रेरणा मिल रही है! यह आश्चर्य की बात है कि एक वैज्ञानिक होने के नाते मैं बहुत कुछ जानता हूँ लेकिन हमारी पृथ्वी के लिए बहुत कुछ नहीं करता!”
चेहरे पर मुस्कान के साथ माया ने अपने पिता को जवाब दिया - "चलो पापा इसे एक साथ करते हैं, और सुपर हीरोज बनते हैं!"
पिताजी आश्चर्यजनक रूप से माया की ये बात सुनकर फिर से मुस्कुराते हैं - "सुपरहीरो !!" माया आगे कहती है- “हाँ!
जिन सुपरहीरो को हम जानते हैं, वे केवल इंसानों की रक्षा करते हैं, लेकिन मैं सभी पेड़ों, जानवरों, पक्षियों, कीड़ों की रक्षा करना चाहती हूं।
पिताजी सकारात्मक लहजे में कहते हैं- "इस तरह, हम वास्तव में मनुष्यों की भी रक्षा करेंगे!" और फिर, माया और उसके पिता ने सिर्फ पेड़ लगाकर गाँव को रहने के लिए एक बेहतर जगह बना दिया। पेड़ों ने बादलों को आकर्षित किया, बार-बार बारिश होने लगी और पृथ्वी का वह पीला पैच उस गाँव जैसा हो गया जिसे उसने सपना देखा था जहाँ माया और उसका परिवार खुशी से रहते थे.
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